नाराज पत्नी | naraz patni | prerak prasang:
ये कहानी पति पत्नी के खट्टे मीठे prerak prasang ( रिश्तों ) पर आधारित है | जहाँ प्रिया अपने पति के साथ किराये के मकान में रहती थी | प्रिया के पति का नाम सुनील था और वह रेलवे में नौकरी करते हैं | लेकिन वह अपने काम के चलते, प्रिया को समय नहीं दे पाते थे, इसलिए उन्होंने तय किया, कि वह अपने माता पिता को गाँव से बुला लें, ताकि प्रिया को अकेलापन नहीं लगेगा | प्रिया बहुत ही मिलनसार लड़की थी और वह अपने सास ससुर को दिल से प्यार करती थी और इसलिए अपने पति के फ़ैसले पर वह भी रजामंद हो जाती है और कुछ ही दिनों में सुनील के मम्मी पापा इनके साथ रहने आ जाते हैं | प्रिया को कुछ दिनों तो अच्छा लगता है, लेकिन फिर वही अकेलापन महसूस होने लगता है | दरअसल अभी अभी प्रिया की शादी हुई थी और वह अपने पति के साथ कहीं बाहर घूमने नहीं जा पायी | उसे अपने पति के साथ पर्याप्त समय भी नहीं मिल पा रहा था | इन सब बातों से वह मन ही मन हताश होने लगती है और फ़ैसला करती है, कि वह ज़बरदस्ती अपने पति के साथ कहीं बाहर घूमने का प्लान बनाएगी और अगर उसके पति नहीं माने तो वह अपने मायके चली जाएगी | शाम होते ही सुनील अपनी ड्यूटी से वापस आता है और अपनी naraz patni ( नाराज पत्नी ) को देखता है, तो पूछ बैठता है, “क्या हुआ मेरी प्रिया को, आज उदास लग रही हो” ? और कुछ ही देर में प्रिया उसे कहीं बाहर घूमने जाने को कहती है | लेकिन सुनील अपने काम को लेकर बहुत परेशान होता है, इसलिए वह प्रिया को मना करने लगता है | प्रिया पहले से ही ज़िद ठान चुकी थी | जिसके आगे सुनील को झुकना ही पड़ता है |
वह अपने रिश्तों को बिगाड़ना नहीं चाहता और वह अपनी पत्नी को कश्मीर की वादियों में घुमाने का प्लान बनाता है और प्रिया से कहता है, “मैं एक दो दिन में छुट्टी के लिए अर्ज़ी दे देता हूँ | फिर हम दोनों घूमने चलेंगे और कुछ दिनों तक मम्मी पापा भी घर में रहेंगे तो यहाँ की चिंता भी नहीं रहेगी” | अगले दिन सुनील की छुट्टी मंज़ूर हो जाती है और वह ख़ुशी से अपनी पत्नी को कॉल लगाता है और कहता है, “मैंने सारी तैयारियां कर ली है, तुम तैयार हो जाना | आज शाम को ही हमें निकलना होगा | मुझे सिर्फ़ दो दिनों की छुट्टी मिली है” | प्रिया अपने पति की बात सुनते ही उत्साहित हो जाती है और अपने कपड़े और ज़रूरी सामान बैग में ज़माने लग जाती है | ट्रेन का समय 7 बजे था, इसलिए दोनों समय से पहले ही स्टेशन पहुँच जाते हैं और दोनों का प्यार भरा सफ़र शुरू हो जाता है | शादी के कई महीनों बाद पहली बार दोनों बाहर जा रहे थे | दोनों अंदर से बहुत ख़ुश थे | सुबह होते ही ट्रेन पहुँच जाती है और वह अपने होटल पहुँचते हैं, जहाँ सुनील ने कमरा बुक किया था | दोनों तैयार होकर कश्मीर की पहाड़ियों में घूमने का प्लान बनाते हैं | मौसम बहुत ठंडा होता है, इसलिए दोनों ने ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े भी पहन रखे थे | पहाड़ी में चढ़ने के लिए बहुत से लोग आए होते हैं और सभी के साथ सुनील और प्रिया भी शामिल हो जाते हैं | कुछ दूर चलने के बाद प्रिया को थकान महसूस होने लगती है और वह अपने पति से कहीं आराम करने को कहती है |
सुनील भीड़ से हटकर एक पेड़ के नीचे अपनी पत्नी के साथ बैठ जाता है | कुछ देर बाद दोनों फिर से अपना सफ़र प्रारंभ करते हैं | लेकिन प्रिया और आगे नहीं जाना चाहती है और वह सुनील से कहती है, “मुझे ऊपर नहीं जाना है” लेकिन सुनील अपनी पत्नी को पहाड़ी के ऊपर का नज़ारा दिखाना चाहता था | उसे पता था, वहाँ जाकर दोनों को बहुत अच्छा लगेगा | इसलिए वह अपनी पत्नी के लिए, एक घोड़े वाले से, अपनी पत्नी को ऊपर ले जाने की बात करता है और घोड़े वाला प्रिया को ऊपर ले जाने के लिए तैयार हो जाता है | प्रिया पहली बार घोड़े पर बैठी थी | उसे डर लग रहा होता है, लेकिन सुनील के कहने पर वह घोड़े से ऊपर जाने को तैयार हो जाती है | कुछ ही देर में प्रिया के घोड़े की रफ़्तार की वजह से वह काफ़ी आगे निकल जाती है और सुनील धीरे धीरे पीछे चलता रहता है | कुछ घंटों के बाद सुनील पहाड़ी के ऊपर पहुँचता है, लेकिन वहाँ प्रिया दिखाई नहीं देती तभी सुनील अपना मोबाइल निकालकर प्रिया को फ़ोन करना चाहता है लेकिन मोबाइल में नेटवर्क न होने की वजह से कॉल नहीं लग पा रहा था काफ़ी देर तक ढूंढने के बाद भी जब प्रिया का कुछ पता नहीं चलता | सुनील, वहीं पहाड़ी के ऊपर बने हुए पूछताछ केन्द्र में शिकायत दर्ज करवाता है | पूछताछ केन्द्र के अधिकारी उस घोड़े वाले का पता करते हैं, जो प्रिया को लेकर ऊपर गया था | कुछ ही देर की मशक़्क़त के बाद, घोड़े वाला तो मिल जाता है | लेकिन वह कहता है, “मैंने तो मैडम को ऊपर की पहाड़ी में छोड़ दिया था फिर मैं वापस नीचे आ गया और उसके बाद मैडम कहाँ गई मुझे नहीं पता” | सुनील बहुत चिंतित हो जाता है और चारों तरफ़ प्रिया के नाम से आवाज़ लगाता है | कई घंटे गुज़ारने के बाद रात हो जाती है और सुनील थक हार के पहाड़ी से नीचे उतरने लगता है | सुनील के पैर ही नहीं चल रहे होते हैं | वह अपनी पत्नी को ढूंढने में असफल हो चुका था | पहाड़ी से नीचे आने के बाद, वह यहाँ कुछ घंटे बैठकर इंतज़ार करता है, शायद यही से प्रिया की कोई ख़बर मिल जाए | लेकिन रात 12 बज जाते हैं और प्रिया का कोई पता नहीं चलता है | सुनील का मोबाइल भी स्विच ऑफ़ हो चुका था |
वह किसी को संपर्क नहीं कर पा रहा था | तभी वह अपने होटल वापस लौटने का फ़ैसला करता है और ऑटो लेकर अपने होटल पहुँच जाता है | जैसे ही अपने रूम का दरवाज़ा खोलता है, तो उसकी पत्नी प्रिया सामने ही बैठी होती है और वह रो रही होती है | प्रिया को देखते ही सुनील उसे गले लगा लेता है | सुनील, प्रिया से पूछता है, “तुम यहाँ कैसे पहुँची” तब वह अपनी बात बताते हुए कहती है, कि “ऊपर पहुंचकर मैंने कई घंटों आपका इंतज़ार किया लेकिन, जब आप नहीं आए हैं तो, मैंने किसी और से आपको फ़ोन लगाने के लिए कहा, लेकिन आपका फ़ोन तो लग ही नहीं रहा था” | सुनील अपनी पत्नी को पाकर ख़ुश हो चुका था और वह उतावलेपन से पूछता है, “लेकिन तुम होटल कैसे पहुँची, तुम्हें यहाँ का एड्रेस पता था क्या” ? तभी प्रिया कहती है, “हाँ मेरे बैग में होटल का एक कार्ड पड़ा हुआ था, जो रिसेप्शन पर आपने मुझे रखने को कहा था और जब मैं अपने बैग से रूमाल निकाल रही थी, तो यह कार्ड मेरे हाथ आ गया” | सुनील और प्रिया एक दूसरे से मिलकर बहुत ख़ुश होते हैं | उन्हें देखकर ऐसा लगता है, जैसे कई बरसों के बाद बिछड़े हुए 2 प्रेमी मिले हों |
होटल के सभी लोगों को, दोनों के गुम होने कहानी पहले से ही पता होती है, इसलिए सभी दोनों के मिलने पर उत्साहित हो रहे होते हैं और उनकी ख़ुशी को बढ़ाने के लिए होटल का मैनेजर उनके ट्रिप को फ़्री कर देता है और वह अगली बार आने के लिए स्पेशल ऑफ़र देता है और दोनों अपने घर वापस लौट आते हैं और कश्मीर में हुई घटना के बारे में सोचकर बहुत हँसते हैं और अपने घर लौट आते हैं |