बदसूरत लड़की | badsurat ladki | majedar story in hindi:
आपके उत्साह को बढ़ाने के लिए एक मजेदार कहानी ( majedar story in hindi ), जो रोमांच के साथ-साथ प्रेरणा भी प्रदान करेगी | एक गाँव में एक लड़की रहती थी | वह देखने में बहुत कुरूप थी | उसका नाम नंदनी था, लेकिन गाँव के ज़्यादातर लोग, उसे बदसूरत लड़की ( badsurat ladki ) कह कर बुलाया करते थे | वैसे नंदनी, किसी की बात का बुरा नहीं मानती थी, क्योंकि वह अच्छी तरह जानती थी कि, वह बहुत बदसूरत लड़की ( badsurat ladki ) है | नंदनी बड़ी हो चुकी थी और अब उसके घर वालों को, उसकी शादी की चिंता सताने लगती है, क्योंकि नंदनी दिखने में बिलकुल सुंदर नहीं थी, इसलिए उसे कौन पसंद करेगा | यह सवाल घर वालों को खाए जा रहा था, लेकिन नंदनी अपनी ही दुनिया में ख़ुश थी | उसे शादी करने की इच्छा नहीं थी | वह पुलिस में भर्ती होना चाहती थी, इसलिए उसका ध्यान पुलिस की भर्ती में होता है | वह कॉलेज पहुँच चुकी थी | नंदनी के कॉलेज में, एक बहुत बड़े डॉक्टर की लड़की पढ़ती थी, जिससे नंदनी की दोस्ती थी | नंदनी अक्सर अपनी सहेली से ही, अपने दिल की बात कह पाती थी | नंदनी की सहेली, उसे कभी हीन भावना से नहीं देखती थी, बल्कि दोनों में सगी बहनों से भी बढ़कर प्यार था | एक दिन नंदनी, अपनी सहेली के साथ, उसके घर खाना खाने जाती है | घर में नंदनी की सहेली के माता पिता, उसका स्वागत शाही अंदाज़ में करते हैं और नंदनी के खाने के लिए एक से एक उत्तम व्यंजनों की सजावट करते हैं |
खाना पीना होने के बाद, नंदनी अपनी सहेली के साथ जाकर, उसके कमरे में बैठ जाती है और कुछ घंटों की गपशप के बाद, नंदनी अपने घर वापस आ जाती है | नंदनी के मामा उसकी शादी के लिए, एक लड़के का रिश्ता लाए होते हैं, जो बैंक में गार्ड के पद पर नौकरी करता है | नंदनी पुलिस ऑफ़िसर बनना चाहती है और इसलिए वह शादी के लिए तैयार नहीं थी | वह अपने माता पिता से रिश्ते के लिए मना कर देती है, जिस वजह से, नंदनी के मामाजी नाराज़ होकर चले जाते हैं | नंदनी के माता पिता, उसके ऊपर बहुत ग़ुस्सा होते हैं और उसे खरी खोटी सुनाते हुए कहते हैं कि, “कलमुही कलूटी कहीं की | तेरी सूरत देख के तो, वैसे भी कोई शादी नहीं करेगा | अगर कोई फँस रहा है तो, अपना बंदरिया जैसा मुँह बंद रखा कर ताकि तेरी शादी हो सके” और नंदनी दुखी होकर, अपने कमरे चली जाती है और रोने लगती है | नंदनी अपनी क़िस्मत को कोसते हुए सोचती है कि, इस ज़िंदगी से छुटकारा पा लूँ तो, सब ख़ुश हो जाएंगे, लेकिन वह साहसी लड़की थी, इसलिए आत्महत्या का विचार, उसके दिमाग़ में ज़्यादा देर नहीं टिकता और वह अपने आँसू पोंछते हुए, अपनी पढ़ाई में लग जाती है | अगले दिन नंदनी, कॉलेज के पुस्तकालय से, कुछ किताबें लेनी थी, इसलिए वह कॉलेज ख़त्म होने के बाद, अपनी सहेली के लाइब्रेरी जाती है | लाइब्रेरी में एक लड़का, नंदनी की सहेली को एक गुलाब के फूल के साथ, एक काग़ज़ देता है, जिसमें नंदनी की सहेली के लिए, कुछ शायरी लिखीं होती हैं | नंदनी की सहेली, उस लड़के को वह काग़ज़, वापस लौटा देती है और कहती है, “मुझे इन सब बातों में कोई दिलचस्पी नहीं | कृपया दोबारा मेरे साथ ऐसी हरकत मत करना” और दोनों वहाँ से चली जाती है | वह लड़का, उसे अपनी प्रेमिका समझने लगता है और वह उसे एकतरफ़ा प्यार करने लगता है | अगले दिन दोनों सहेलियां, अपने क्लास में बैठी होती हैं | अचानक वही लड़का दोबारा, उनके सामने आकर बैठ जाता है और फिर से नंदनी की सहेली को प्रपोज़ करता है, लेकिन इस बार उसे लड़की एक ज़ोरदार थप्पड़ मारती है | लड़का कुर्सी से नीचे गिर जाता है |
क्लास रूम में छात्र छात्राओं की भीड़ लग जाती है | सभी के सामने लड़की का थप्पड़ पड़ने से, उसे बहुत बेइज़्ज़ती महसूस होती है | वह ग़ुस्से में क्लास रूम से बाहर चला जाता है और अब वह अपनी बेइज़्ज़ती का बदला लेना चाहता था, इसलिए वह एक फ़ैक्ट्री से, मैनेजर के ज़रिए, पैसे देकर तेज़ाब की व्यवस्था करता है और कॉलेज की छुट्टी होने के समय, गेट के पास खड़ा हो जाता है | जैसे ही नंदनी और उसकी सहेली वहाँ आते हैं, वह लड़का अपने पीछे तेज़ाब छुपाकर उनके सामने आ जाता है और नंदनी से, वहाँ से दूर जाने को कहता है | वह उस लड़की से, आख़िरी बार बात करना चाहता था | तब नंदनी थोड़ा दूर हटने लगती है, लेकिन जैसे ही नंदनी की नज़र, खोलते हुए तेज़ाब पर पड़ती है तो, वह अपनी सहेली को ज़ोर से चिल्लाते हुए, भागने को कहती है और वह लड़का, तेज़ाब उस लड़की के चेहरे पर फेंक देता है, लेकिन नंदनी उस लड़के को धक्का दे देती है, जिससे तेज़ाब नंदनी के चेहरे में आ गिरता है | तेज़ाब चेहरे में पड़ते ही, नंदनी दर्द से छटपटा उठती है और चीखने लगती है | वहाँ उपस्थित भीड़, उस लड़के को पकड़ लेती है और पुलिस के हवाले कर देती है | नंदनी का पूरा चेहरा, तेज़ाब से झुलस चुका था | उसे अस्पताल लाया जाता है | नंदनी की सहेली को, नंदनी के लिए बहुत बुरा लग रहा था, क्योंकि नंदनी पहले से ही, अपने चेहरे को लेकर दुखी थी और तेज़ाब की वजह से, वह भयानक दिखेगी | नंदनी के साथ हादसा होते ही, उसके माता पिता अस्पताल आ जाते हैं | वह अपनी बेटी को तक़लीफ में देखकर, रोने लगते हैं | नंदनी की सहेली, उन्हें दिलासा देते हुए कहती है, “आप चिंता मत करिए | सब ठीक हो जाएगा | नंदनी बहुत बहादुर लड़की है | उसने मुझे बचाने के लिए, अपने चेहरे पर तेज़ाब ले लिया” | नंदनी की सहेली के पापा, जो कि डॉक्टर हैं, जैसे ही उन्हें पता चलता है कि, उनकी बेटी को बचाने के लिए नंदनी ने अपना चेहरा जला लिया | वह कुछ ही मिनट में अस्पताल पहुँच जाते हैं और अस्पताल पहुँचते ही, डॉक्टर अपनी बेटी से मिलते हैं और नंदनी के मैडिकल टेस्ट की रिपोर्ट देखते हैं | वह नंदनी को अपने हॉस्पिटल ले जाने की प्रक्रिया पूरी करते हैं | दरअसल वह एक स्किन स्पेशलिस्ट है और ऐसे मरीज़ों के लिए, उनका अस्पताल अच्छा इलाज मुहैया करवाता है | नंदनी के माता पिता, उसे दूसरे अस्पताल जाने की मंज़ूरी दे देते हैं | दरअसल वह मन ही मन में सोच रहे थे कि, नंदनी न बचे तो ही ठीक है, क्योंकि इतनी बड़ी ज़िंदगी में वह किसके सहारे जिएगी | वह अपनी बेटी के भविष्य के लिए चिंतित थे, लेकिन होनी को कुछ और ही मंज़ूर था | एक महीने के इलाज के बाद, नंदनी का ऑपरेशन पूरा हो चुका होता है और जैसे ही डॉक्टर, उसका चेहरा खोलते हैं | वह किसी ख़ूबसूरत अप्सरा की तरह लग रही थी |
डॉक्टर, नंदनी को कहते हैं, “बेटी तुम्हें बहुत बड़ा झटका लगने वाला है | क्या तुम तैयार हो” ? नंदनी को थोड़ा तक़लीफ हो रही थी | वह हिम्मत करके अपने अपने बिस्तर मैं बैठ जाती है और डॉक्टर जैसे ही, उसके सामने आयना लाते हैं | नंदनी के होश उड़ जाते हैं | नंदनी को यक़ीन नहीं होता कि, वह इतनी सुंदर बन सकती है | अब वह बदसूरत लड़की ( badsurat ladki ) नहीं, बल्कि एक खूबसूरत परी दिखने लगी थी | नंदनी की सहेली उसे देखकर ख़ुश हो जाती है |