sdm wife ki kahani | एसडीएम वाइफ की कहानी | prerak kahaniyan

Rate this post

sdm wife ki kahani | एसडीएम वाइफ की कहानी | prerak kahaniyan:

हमारे सामाजिक जीवन में रिश्तों को शर्मसार करने वाली तस्वीरें, तो आए दिन आती ही रहती है | sdm wife ki kahani ( एसडीएम वाइफ की कहानी ) prerak kahaniyan ऐसी ही, एक घटना से प्रेरित होकर लिखी गई है | इस कहानी का उद्देश्य, उन लोगों को जागरूक करना है, जो आँख बंद करके, एक तरफ़ा विश्वास करते हैं | जिसका उन्हें बहुत बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ता है | एक शहर में, एक सफ़ाई कर्मचारी रहता था, जिसका नाम प्रकाश था | प्रकाश बचपन से ही शांत स्वभाव का लड़का था | प्रकाश की सरकारी नौकरी लगने के बाद, किरण नाम की लड़की से शादी होती है | किरण के पिता चक्की चलाते हैं, उसी पर उनका पूरा परिवार निर्भर है | किरण की प्रकाश के साथ, जिस वक़्त शादी हुई, उस वक्त किरण ग्रेजुएशन कर रही थीं | शादी के बाद किरण ने ग्रेजुएशन कंप्लीट किया | किरण पढ़ने में होशियार थीं | वह शादी के बाद भी अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहती थी इसलिए वह प्रकाश से आगे पढ़ने के लिए कहती है | प्रकाश की आर्थिक स्थिति कमज़ोर है, इसके बावजूद वह, अपनी पत्नी को आगे पढ़ाने के लिए तैयार हो जाता है | किरण अपने पति से कहती है, मैं प्रशासनिक अधिकारी बनना चाहती हूँ, जिसके लिए मुझे दिन रात पढ़ाई करना होगा | उसकी रुचि को देखते हुए, प्रकाश ने किरण को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कराने का फैसला लिया | किरण और प्रकाश एक दूसरे से बेहद प्यार करते थे | किरण को पता था, कि प्रकाश घर के खर्च के साथ साथ उसकी पढ़ाई का ख़र्चा उठाने में सक्षम नहीं है, इसलिए वह प्रकाश से पूछती है, “मेरी पढ़ाई में कुछ पैसे लगेंगे, क्या आप मेरा साथ देंगे” ? प्रकाश एक निचले स्तर का कर्मचारी है, लेकिन वह अपनी पत्नी को अधिकारी बनते देखना चाहता है, इसलिए वह किरण का हर तरीक़े से साथ देने के लिए मान जाता है | वह बाज़ार जाकर, किरण के लिए ज़रूरी किताबें, ख़रीद कर ले आता है |

sdm wife ki kahani
Image by Rudy and Peter Skitterians from Pixabay

किताबें देखकर किरण बहुत ख़ुश होती है और अपनी पढ़ाई में जुट जाती है | प्रकाश अपनी पत्नी को पढ़ने की पूरी आज़ादी देता है | किरण को पढ़ाई में बाधा न आए, इसलिए कई बार घर के छोटे मोटे काम वह, स्वयं ही कर लेता है | किरण UPPSC की तैयारियां कर रही थी | तभी कुछ ही महीनों में किरण को पता चलता है, कि वह माँ बनने वाली है | वह ख़ुशी ख़ुशी यह बात अपने पति को बताती है | प्रकाश यह बात जानकर ख़ुश हो जाता है, लेकिन वह अपनी पत्नी से कहता है, कि बच्चों की वजह से तुम्हारी पढ़ाई में समस्या होगी लेकिन किरण को माँ बनने की बेहद ख़ुशी थी, इसलिए वह अपने पति से कहती है, “मैं बच्चों के साथ भी पढ़ाई कर लूंगी | आप चिंता मत करिए” और कुछ दिन बीतते ही, वह घड़ी आ जाती है, जब UPPSC की परीक्षा होने वाली होती है | किरण ने बहुत मेहनत से पढ़ाई की थी, इसलिए उसे परीक्षा देने में कोई समस्या नहीं होती | वह पूरे विश्वास के साथ परीक्षा देती है | परीक्षा के दौरान, उसे प्रसव पीड़ा भी हो रही होती है, लेकिन वह अपनी हिम्मत नहीं हारती | परीक्षा से आने के बाद वह बहुत ख़ुश होती है और प्रकाश को कहती है कि, “मेरा पेपर अच्छा हुआ है | मेरा सलेक्शन ज़रूर होगा” | प्रकाश, किरण की बात सुनकर प्रसन्न हो जाता है | कुछ दिनों के बाद वह घड़ी भी आ जाती है जब किरण दो जुड़वा बच्चियों को जन्म देती है और माँ बन जाती है | प्रकाश घर में कन्याओं को देख बहुत प्रसन्न होता है और उत्साहित होते हुए सारे मोहल्ले में मिठाई देने जाता है | किरण और प्रकाश अपनी बच्चियों के साथ ख़ुशी ख़ुशी जीवन बिता ही रहे होते हैं, कि इसी बीच उन्हें सबसे बड़ी ख़ुशी मिलती है | किरण का चयन SDM पद के लिए हो जाता है | प्रकाश अपनी पत्नी के SDM बनते ही गर्व महसूस करने लगता है, लेकिन किरण के स्वभाव में परिवर्तन आने लगता है | किरण को भी मन में कहीं न कहीं यह लगने लगता है, कि दुनिया वाले क्या सोचेंगे कि एक SDM का पति, साधारण सफ़ाई कर्मचारी है | इस बात को लेकर पति पत्नी के बीच छोटी मोटी नोक झोक शुरू हो जाती है |

एसडीएम वाइफ की कहानी
Photo by Timur Weber: https://www.pexels.com/photo/a-couple-arguing-while-holding-each-others-arms-8560358/

बात जब तक आपस में रहती है, तब तक तो ठीक है, लेकिन जब बात घर की चारदीवारी से, बाहर जाने लगे तो, रिश्तों की रेत को बिखरने से कोई नहीं बचा सकता | प्रकाश और किरण के रिश्ते को किसी की नज़र लग चुकी थी | प्रकाश को अपनी पत्नी के चरित्र पर शंका होने लगती है | उसे लगने लगता है, कहीं उसकी पत्नी का सम्बंध, उसी के विभाग के किसी अधिकारी से तो नहीं | किरण का तबादला एक बड़े शहर में होता है, जिसकी वजह से उसे प्रकाश से दूर रहना पड़ता है और दोनों के बीच दूरियां बढ़ने लगती है | दोनों की बच्चियाँ, अभी छोटी है, इसलिए किरण उन्हें, अपने साथ ले जाती है | कई दिनों तक किरण और प्रकाश के बीच बातचीत बंद रहने लगती है | यह सिलसिला कई महीनों तक चलता है | प्रकाश, किरण को मनाने की बहुत कोशिश करता है, लेकिन किरण ने प्रकाश से जुदा होने का फ़ैसला कर लिया था | अब वह अपनी बच्चियों को लेकर अलग, एक नई दुनिया बसाना चाहती थी | सब कुछ ख़त्म होता, देख जब बेवफ़ाई का दर्द बर्दाश्त के बाहर होने लगा, तब प्रकाश ने इंसाफ़ के लिए, अदालत का दरवाज़ा खटखटाया और किरण को सबक़ सिखाने का फ़ैसला कर लिया | कोर्ट के फ़ैसले आने से पहले ही दोनों अपनी ज़िंदगी का फ़ैसला कर चुके थे, दोनों के रास्ते अलग हैं अब सिर्फ इंतज़ार है, दोनों की बच्चियों के जीवन को सही राह मिलने की और इसी के साथ sdm wife ki kahani ( एसडीएम वाइफ की कहानी ) बिना किसी निष्कर्ष के ही समाप्त हो जाती है |

Visit for प्रेरणादायक कहानी 
नालायक बेटा | Nalayak beta | Majedar kahaniyan in hindi

 

Leave a Comment